उपभोक्ता क्षेत्र का मुनाफा घटकर दशक के निचले स्तर पर
– चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में सभी सेक्टर की कंपनियों की कमाई दोगुनी होकर 3.06 लाख करोड़ रुपए हुई
कीमतों में तेज बढ़ोतरी और मांग में उम्मीद से कम रिकवरी से उपभोक्ता सामान कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 205 के पहले छह महीनों में ऑटो, एफएमसीजी, कंज्यूमर गुड्स, अपैरल और किवाक सर्विस रेस्त्रां के संयुक्त मुनाफे में कंपनियों की हिस्सेदारी गिरकर 7.5 फीसदी पर आ गई। यह एक दशक में सबसे निचला स्तर है। कोविड 18 महामारी से पहले वित्त वर्ष 2017 के दूसरे छह महीनों में यह आंकड़ा 12.5 प्रतिशत के उच्च स्तर पर था।
वित्त वर्ष 2021 के पहले छह महीनों में उपभोक्ता सामान कंपनियों का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 208 के पहले छह महीनों में 31,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 318 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, इस अवधि के दौरान सभी क्षेत्रों की कंपनियों की कमाई चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में दोगुने से ज्यादा बढ़कर 3.08 लाख करोड़ रुपये हो गई। वित्त वर्ष 2021 के पहले छह महीनों में उनकी संयुक्त कमाई 5 लाख करोड़ रुपये थी। इसकी तुलना में, चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में सभी सूचीबद्ध कंपनियों की संयुक्त आय एक साल पहले की तुलना में केवल 4.5 प्रतिशत कम थी।
हालांकि, चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में उपभोक्ता कंपनियों की कमाई वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही की तुलना में 3% कम थी। इसकी तुलना में सभी कंपनियों की कुल कमाई में महज 4.5 फीसदी की गिरावट आई है। यह विश्लेषण 313 सूचीबद्ध कंपनियों की छमाही आय पर आधारित है। इनमें से छह कंज्यूमर गुड्स एंड सर्विसेज सेगमेंट में हैं।
विश्लेषकों ने उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनियों में गिरावट का श्रेय मुनाफे में उम्मीद से कम वृद्घि और बिक्री में गिरावट को दिया।
कंज्यूमर गुड्स कंपनियां लागत में कटौती के बावजूद कीमतें नहीं बढ़ा पाई हैं, जिससे उनके मुनाफे में गिरावट आई है। कोविड महामारी के कारण विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं की खराब मांग के कारण ज्यादातर कंपनियां अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाने की स्थिति में नहीं हैं। कमजोर मांग का सीधा असर कॉरपोरेट रेवेन्यू पर पड़ रहा है। वर्ष के पहले छह महीनों में सभी सूचीबद्ध कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री में उपभोक्ता सामान कंपनियों की हिस्सेदारी केवल 3% थी।